आचार्य मनीष, लखनऊ नगर के लोकप्रिय एवं प्रतिष्ठित आचार्य हैं । ज्योतिष से सम्बंधित सभी समस्याओं के समाधान के लिए आप आचार्य जी से संपर्क कर सकते हैं । आचार्य मनीष समस्त वेदों , पुराणों एवं उपनिषदों के ज्ञाता हैं ।आचार्य जी ने ज्योतिष शास्त्र का गहन अद्ध्यन किया है । आचार्य मनीष जी अपनी शिक्षा , अनुभव एवं गुरुजनों के आशीर्वाद से अपने यजमानों के कार्यों को सिद्ध कर रहे हैं ।

आचार्य मनीष जी बाल्यावस्था से ही धार्मिक क्रियाकलापों में रूचि रखते थे । बालक मनीष ने अपने पूज्य बाबा स्वर्गीय श्री मुरारी शरण एवं पूज्य पिता श्री नरेन्द्र मोहन जी के सानिध्य में धार्मिक शिक्षा आरम्भ की । बालक मनीष ने बाल्यपन में ही समस्त वेदों , पुराणों , उपनिषदों आदि का विस्तृत अध्यन कर लिया था । कानपुर स्थित बाबा जागेश्वर महादेव एवं मौनी घाट हनुमान मंदिर में जाना और भजन पूजन करना बालक मनीष ने अबोध अवस्था में ही प्रारंभ कर दिया था ।

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरु: साक्षात्परब्रम्हा तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥

ज्योतिष का ज्ञान बिना गुरु के मिलना असंभव है | ज्ञान मिल भी गया तब भी उसका सदुपयोग करने के लिए गुरु की कृपा एवं संस्कार आवश्यक हैं |

प्रारम्भिक शिक्षा

कक्षा षष्ठ में जाकर जुगल देवी सरस्वती विध्या मन्दिर , कानपुर के अनुशाषित , संस्कारित एवं धार्मिक वातावरण में प्रवेश लेते ही बालक मनीष को आचार्य जनों का पावन सानिध्य मिला , विशेषकर संस्कृत के आचार्य श्री श्रीकान्त मिश्र से प्रभावित होकर बालक मनीष ने संस्कृत भाषा का अद्ध्यन बारहवी कक्षा तक किया ।

उच्च शिक्षा

कानपुर विश्वविद्यालय से बी० एस० सी० की डिग्री लेने के बाद युवक मनीष ने एम०सी०ए० की डिग्री पाने के लिए देवभूमि उत्तराँचल स्थित देहरादून का चयन किया । देहरादून से लेकर श्री बद्रीनाथ धाम तक विभिन्न ऋषियों और मुनियों का सानिध्य मिलता चला गया । माँ गायत्री के हरिद्वार स्थित शांतिकुंज धाम जाकर विभिन्न धार्मिक क्रियाकलापों में सम्मिलित होना प्रारम्भ करने के साथ साथ ज्योतिष से सम्बंधित अनुसन्धान कार्य इसी समय से प्रारंभ कर दिए ।

उच्चतर शिक्षा एवं व्यवसाय

अपने गृहनगर कानपुर वापस आने के बाद अपने पिताजी की आज्ञानुसार उनके पदचिन्हों पर चलते हुए आचार्य मनीष जी ने अद्ध्यापन के कार्य को चुना तथा एम०फिल०, एम०टेक० करने के पश्चात् कंप्यूटर साइंस में पी०एच०डी० की डिग्री प्राप्त करी |

साथ ही साथ ज्योतिष से सम्बंधित ज्ञान का सदुपयोग भी प्रारंभ हुआ एवं देश विदेश के यजमान इस ज्ञान से लाभान्वित होते चले गए । उस समय से आज तक इस यात्रा में समय समय पर अलग अलग प्रख्यात गुरुजनों का सहयोग मिलता चला गया । आचार्य मनीष जी ने अद्द्यापन करने के साथ ही ज्योतिष में आचार्य की उपाधि प्राप्त करी, तत्पश्चात ज्योतिष में पी०एच०डी० की उपाधि गोल्ड मेडल के साथ प्राप्त करी | इसके पश्चात् वेदांग के दुसरे आयाम - वास्तु विज्ञान में भी आचार्य की उपाधि प्राप्त कर ली | आचार्य मनीष जी का मानना है कि सर्वोच्च शिक्षा को प्राप्त करने के बाद ही आपके ज्ञान को उचित दिशा प्राप्त होती है | अधूरा किताबी ज्ञान रखने वालों के कारण ही ज्योतिष पर विश्वास में कमीं आई है |

विभिन्न समारोहों में सम्मिल्लित होते हुए आचार्य मनीष जी ज्योतिष एवं अध्यात्म पर चर्चा कर चुके हैं । विभिन्न भारतीय एवं विदेशीय मीडिया , समाचार पत्र - पत्रिकाओं में आचार्य मनीष जी के लेख प्रकाशित हो चुके है । वर्तमान में Justdial.com, Sulekha,com, WhereinCity.com आदि इन्टरनेट वेबसाइटों ने आचार्य मनीष जी को प्रथम स्थान पर रखा हुआ है ।

इसके साथ ही आचार्य मनीष जी, ज्योतिष एवं वास्तु के विभिन्न पाठ्यक्रमों को संचालित करते हैं जिसको करके आप भी ज्योतिष से सम्बंधित विश्वविद्यालयों की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं | इसी क्रम में कानपुर, लखनऊ आदि स्थानों पर ज्योतिष एवं वास्तु से सम्बंधित कार्यशालाएं भी आयोजित करी जाती हैं |